गौरैया
निश्छल, निष्कपट गौरैया नीयर सरल मन के जइसन भोजपुरी भाव के अभिव्यक्ति।
गुरुवार, 11 जून 2015
मुक्तक
दुःख बढ़ के जब ताड़ हो जाला।
डूबते के सहारा जुगाड़ हो जाला।
कोशिश कर त जीत होइबे करी,
नाहीं त जिनगी पहाड़ हो जाला।।
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- केशव मोहन पाण्डेय
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