शुक्रवार, 19 जून 2015

नेहिया के बान


हरदम नेहिया के बान फेंकल क रs।
चाहें कवनो नज़रिया से देखल क रs।।
           साँस तड़पे लागल 
           आस जागे लागल 
           प्रीत में गोली से 
           लोग दागे लागल,
आस दिल के पुराव, करीब आ के तू,
हमके रोकल क र, राह छेंकल क रs।। 
           रात होखे त का 
           केहू टोके त का 
           तहके चाहत रहेब 
           देबू धोखे त का,
सगरो चिंता मरे, फिकिर सब छूटे,
खाली तहके सोचीं, अइसे बेकल क रs।।
          बैर भूले सभे 
         मन-झूले सभे 
         प्यार ई देख के 
         फले-फूले सभे 
आदर सब में रहे, केहू कुछ न कहे,
काम अइसन क र, भले एकल क रs।।
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- केशव मोहन पाण्डेय 

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