मीठ भाषा भोजपुरी,
तबो राखें लोग दूरी,
खोल अखियाँ बाबू एकबार देख लS।
सात समुन्दर पार ले विस्तार देख लS।
नाहीं मनब त, अबकी हुंकार देख लS!!
संत कबीर, गुरु गोरख बाबा भोजपुरी में लिखत रहले।
ग्रियर्सन जी बहिरंग भाषा में एही के त गिनत रहले।
मारीशस फिजी सूरीनाम
होखे भोजपुरी के काम
आरा भोजपुर के बानी
बोले करोड़ों हिंदुस्तानी।
देखल चाह त काम के आधार देख लS।
नाहीं मनब त, अबकी हुंकार देख लS!!
व्याकरण पर कतहूँ कसि ल, भाषा के ना झूठलइब तू।
संविधान में शामिल क ल, ना तs बड़ा पछतइब तू।
तनी बोल आपन इच्छा
चाहें कहीं लs परीक्षा
भाषा भाव में विभोर
हमके देख चारू ओर
नाहीं सुनब त अबकी आर-पार देख लS।
नाहीं मनब त, अबकी हुंकार देख लS!!
बटोहिया के वियोग में इहवा, मन छछनत देखल जाला।
संस्कार में हर उत्सव के, सबकुछ अर्पण सीखल जाला।
नाही बोलबs जाके संसद
त जमइहें पाँव अंगद।
मत बुझs हो बेकार।
भाषा नीक बा हमार।
खाली धमकी ना हs ई ललकार देख लS।
नाहीं मनब त, अबकी हुंकार देख लS!!
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- केशव मोहन पाण्डेय
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