शुक्रवार, 29 मई 2015

पच्छिम के रोग आ ओझा

बकरी-बकरी गोदा खइह
पेट गड़ी त हमसे कहीह
हम हँई पच्छिम के ओझा
मारीले ढोढ़ी के सोझा।
(त मैगीया के खाई??)
भाई हो, ई त लइका त लइका, बुढ़वनो के मुँहे लाग गइल बा। ऊहो बिना दाँत के मुँह बा के खुब नु सुरुके लें सों। आजु काल्ह मैगी के, ओकरा प्रचार के, ओहिमे उपयोग भइल केमिकल के खुबे चर्चा बा। एही चर्चावा से हमरा बुझाता कि आजु काल्ह के लइकवा लइकइये में जवनकन के कान काटे लागत बाड़े सों। ई सब आजु के खाजु के कारण बा। जब खनवे में केमिकल रहता त दिमगवा में केमिकल लोचा होखबे करी। आ पेट से दिमाग ले जब गड़ी त ओझइती केहू पच्छिम से करे खातीर आई। माने पच्छिम के सामने पुरुब का?

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