बाजे बधाई।
अवध-कुल गइल अगराई, हो रामा,
बाजे बधाई।
मलीन मन-मानव मंजुल हो जाई
समवेत स्वर में सब मंगल गाई
हहरत हियरा फुलाई, हो रामा,
बाजे बधाई।
धनि दशरथ धा के दरसन चाहें,
अन्तर-नयनन से परसन चाहें,
बलि जाले देखि मुसकाई, हो रामा,
बाजे बधाई।
सात सुहागिन मिल सोहर गावें,
धन-दौलत राजा जी लुटावें,
सरजू जी गइली छछनाई,हो रामा,
बाजे बधाई।
राम जी अइले, भरतो जी अइले,
शत्रुघन-सौमित्र जी अइले
आई गइले चारू भाई, हो रामा,
बाजे बधाई।
मधु-मिठास रही जो बैना में,
राम राज-सपना सजी नैना में,
जीवन सफल हो जाई,हो रामा,
बाजे बधाई।
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- केशव मोहन पाण्डेय
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