सोमवार, 11 जुलाई 2016

भोजपुरिया

हहरत घहरत उचरत सब रस
नस नस में मेहनत के बास भोजपुरिया।
नजरी के कगरी बा कजरा के धार
मार मदन के दाँव करे नास भोजपुरिया।
जाँगर से बाँगर बनावे लहलह अन्न
धूसर रहे तन मन खास भोजपुरिया।
बान्ह फेंटा पगरी के गगरी चढ़ावे दूध
पूत परमारथी के हास भोजपुरिया।
गितिया के भीतिया में राग रंग लोक
परलोक के पिरितिया के पाठ भोजपुरिया।
दही चिउड़ा सतुआ आ बथुआ के साग
राग मन के मातावे ऊहे ठाट भोजपुरिया।
कनवा पै अंगूरी दै भय के मेटावे
गावे तान राग बिरहा के हाल भोजपुरिया।
करम कुकरम के सब भेद जाने
माने इहवें गलेला हाड़ खाल भोजपुरिया।
हरवा के फरवा से भरे घरवा दुअरवा कि
पुअरवा प सुति हरे दुःख भोजपुरिया। 
पुछि हालचाल पूछे हियरा उछाल देला
बाँटे के चाहे सबके सुख भोजपुरिया।
देखे में लागे दुःख दरिद के रूप हवे
देखावे में जे राखे ना विश्वास भोजपुरिया।
जाईं कवनो दुनिया ह हमरे नमुनिया कि
दुनिया में सबसे बाटे ख़ास भोजपुरिया।
कराइए दी एकदिन आभास भोजपुरिया।
मन में बा आस्था -विश्वास भोजपुरिया।
गढले बा अनगिनत इतिहास भोजपुरिया।
मानवता के रखले बा सुवास भोजपुरिया।
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