रविवार, 26 जून 2016

घरे चलि अाव पिया

हमरा असरा के पथरा मत गलाव पिया
घरे चलि अाव पिया ना।

घेरे बदरा घनघोर काँपे गतरे गतर मोर
अाके नेहिया के रजइया ओढ़ाव पिया
घरे चलि अाव पिया ना।

कोइली बोलेले टिभोली, मारे हियरा में गोली
झोली भर के दवाइया लेअाव पिया
घरे चलि अाव पिया ना।

धइलस सावनी फुहार, भींजल तन के तार-तार
हउव तूहीं मोर अाधार ना रिगाव पिया
घरे चलि अाव पिया ना।

जानतानी मजबूरी बाटे नोकरी जरूरी
दूरी हमरो कबो त मेटाव पिया
घरे चलि अाव पिया ना।
---- केशव मोहन पाण्डेय ----

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