शनिवार, 4 जुलाई 2015

एगो मुक्तक

    भोजपुरी साहित्य के शब्दावली में एतना सामर्थ बा कि चिकित्सा विज्ञान के भी शब्द के जामा पहिना सकेला। आईं एगो बहुते पहिले के मुक्तक में श्री आर. डी. एन. श्रीवास्तव जी के द्वारा भोजपुरी शब्दन के चमत्कार देखीं। रउरो अपना भाषा पर अभिमान होई।
---------------एगो मुक्तक-------------
चिक्कन, सुन्नर, सुघर लालमुनिया हऊ।
रूप गुण में पगल रस के बुनिया हऊ ।
आक्सीजन जवनकन के होखबू भले,
बाकिर बूढ़वन खातिर चिकनगुनिया हऊ।।
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                               - आर. डी. एन. श्रीवास्तव

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